कुछ दिल के एहसास... कुछ अपने अल्फ़ाज़...
ए दिल तू क्यों इतनी फ़िक्र करता है... जिन्हें तेरी कदर नहीं..क्यों उनपे मरता है... हुस्न वाले लाखों होंगे जो तेरे प्यार को पहचानेगे ज़रा... सब्र कर 'वो' भी अपनी ग़लती मानेगे...
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