एक अजब सी अदा है उनके मुस्कराने में...
हर बार बस दिल को छू से जाते हैं...
जैसे कोई भंवरा घूमता है फूलों के इर्द गिर्द...
वैसे ही हमको आकर्षित कर जाते हैं...
Wednesday 31 December 2014
Tuesday 30 December 2014
Saturday 27 December 2014
Monday 22 December 2014
Saturday 20 December 2014
Wednesday 17 December 2014
तब 26-11 थी अब 16-12 है...
तब हमारी धरती थी, अब तुम्हारी धरती है...
तब हम निशाने पे थे, अब तुम निशाने पे हो...
इंसानियत तब भी मरी थी, इंसानियत तब भी मारी गयी...
फ़र्क़ बस इतना है कि,
हथियार तब भी तुम्हारे थे, हथियार अब भी तुम्हारे हैं...
हम तब भी रोए थे, हम अब भी रोए हैं ।।
Strongly condemn the #PeshawarAttacks #HumanitySuffers
#Inspired
Sunday 14 December 2014
बैठे हैं चौराहे पे सनम की राह देखते हुए.... बरसों बीत गये उनके इंतज़ार में.......
कुछ तो था हमारे दरमियां....
चाहे वो दिलों का फासला या शहरों की दूरियां...
इक बार तो ज़रा हमारे बारे में सोचते.....
मुद्दत हो गयी आपके इज़हार में......
बैठे हैं चौराहे पे सनम की राह देखते हुए.... बरसों बीत गये उनके इंतज़ार में.......
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