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Wednesday 31 December 2014

एक अजब सी अदा है उनके मुस्कराने में...
हर बार बस दिल को छू से जाते हैं...
जैसे कोई भंवरा घूमता है फूलों के इर्द गिर्द...
वैसे ही हमको आकर्षित कर जाते हैं...

Tuesday 30 December 2014

कुछ तो होगी उनकी भी मजबूरियां....
वरना क्यों लोग इतना बहकाते....
हमने तो कोशिश की थी एक जानने की...
अपने समझते तो बतलाने में क्यों हिचकिचाते...

Saturday 27 December 2014

दिखता तो शांत हूँ...
मगर भरा हूँ विचारों के तूफानों से ...
एक खासियत है अपने व्यक्तित्व में...
उनको हमने प्रभावित कर लिया अपनी भावनाओं से...

Monday 22 December 2014

कुछ दिल के एहसास...कुछ अपने अलफ़ाज़...
जाने क्यों वह हमारे सवालों जवाब ना दे पाये....
ना इंकार...ना इकरार...बातों ही बातों में दिखातें हैं प्यार ही प्यार ।।

उन्हें लगता है की हम बदल  जायेंगे....
अब कौन समझाए कि हम तो पेड़ों जैसे सदा ऊपर उठते हैं, मौसम जैसे समय के साथ बदल नहीं जाते....

Saturday 20 December 2014

जवाब तो था उनके पास मेरे हर सवाल का....
बस उनकी ख़ामोशी ही थी जो हर बार बस हर बार मुझे उनकी तरफ खीच लाती थी .....
मेरी फितरत में नहीं भावनाओं से खेलना....
वरना हम भी कब के आगे बड़ चुके होते ।।

Wednesday 17 December 2014

तब 26-11 थी अब 16-12 है...
तब हमारी धरती थी, अब तुम्हारी धरती है...
तब हम निशाने पे थे, अब तुम निशाने पे हो...
इंसानियत तब भी मरी थी, इंसानियत तब भी मारी गयी...
फ़र्क़ बस इतना है कि,
हथियार तब भी तुम्हारे थे, हथियार अब भी तुम्हारे हैं...
हम तब भी रोए थे, हम अब भी रोए हैं ।।

Strongly condemn the #PeshawarAttacks #HumanitySuffers
#Inspired

हाल पूछने से हाल बेहतर नहीं हो जाता....
इस दुनिया में आपका कोई ख्याल रखने वाला है यह एहसास ही काफी है ।।

Sunday 14 December 2014

बैठे हैं चौराहे पे सनम की राह देखते हुए.... बरसों बीत गये उनके इंतज़ार में.......

कुछ तो था हमारे दरमियां....
चाहे वो दिलों का फासला या शहरों की दूरियां...

इक बार तो ज़रा हमारे बारे में सोचते.....
मुद्दत हो गयी आपके इज़हार में......

बैठे हैं चौराहे पे सनम की राह देखते हुए.... बरसों बीत गये उनके इंतज़ार में.......

हमने तो अपनी भावनाओं को लफ्ज़ दे दिए....
लोगों ने तो इसे शायरी कह दिया ।।

शायरी से ज्यादा प्यार मुझे कहीं नही मिला...
ये सिर्फ वही बोलती है....जो मेरा दिल कहता है ।।

कुछ अल्फ़ाज़ हैं जो होठों पे आने से रह गए....
मौका तो देते एक दिल ए अंदाज बयां करने का.....
लफ़ज़ ऐसे हों की पत्थर भी पिघल जाये...
कि उनके दिल में  भी हमारे नाम का दिया जल जाए ।

एक उमर लग जाती है एहसासों को अल्फ़ाज़ देने में
सिर्फ दिल टूटने भर से कोई शायर नहीं बनजाता !!!

किसी ने कहा आपकी आँखे बड़ी खूबसूरत है,
मैने कह दिया कि, बारिश के बाद अक्सर मौसम सुहाना हो जाता है

तू चाँद और मैं सितारा होता,
आसमान में एक आशियाना हमारा होता,
लोग तुम्हे दूर से देखते,नज़दीक़ से देखने का,
हक़ बस हमारा होता..!!

ए दिल तू क्यों इतनी फ़िक्र करता है...
जिन्हें तेरी कदर नहीं..क्यों उनपे मरता है...
हुस्न वाले लाखों होंगे जो तेरे प्यार को पहचानेगे ज़रा...
सब्र कर 'वो' भी अपनी ग़लती मानेगे...

पढ़ रहे हैं इश्क की वकालत... अगर बन गए  वकील तो बेवफाओं की अब खैर नहीं ।