अब तो वो सपनो में भी आने लगें हैं....
न जाने वो हमको या हम उनको हद से ज्यादा चाहने लगें हैं....
खोए खोए से रहते हैं हर दम....
जब से उनसे हम रोज़ाना बतियाने लगे हैं....
अब तो वो सपनो में भी आने लगे हैं....
न जाने कैसी हालत है उनकी हमारे बिन....
क्या ये जुदाई के लम्हे उन्हें भी तड़पाने लगे हैं...
अब तो वो सपनो में भी आने लगे हैं...
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